भारतीय एग्जाम के बारे में कुछ रोचक तथ्य |

एग्जाम बच्चों के जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है| इससे बच्चो के प्रतिभा के बारे में पता चलता है की बच्चा कितना प्रतिभाशाली है| इसी के साथ एग्जाम को लेकर बच्चों के मन में काफी प्रकार के सवाल उत्पन्न होते हैं जैसे एग्जाम की शुरुआत कहाँ से हुई थी पहला एग्जाम कहा कराया गया था इत्यादि|| चलिए आज इन्हीं सब सवालों के बारे में जानते हैं और एक एक करके इनके ऊपर से पर्दा उठात है |

update : 3 july 2024 07:01 pm (IST)

एग्जाम की उत्पत्ति कहाँ से हुई थी 

सबसे पहला परीक्षा चाइना के शहर में आयोजित किया गया था| चीन द्वारा आयोजित पहली परीक्षा को इम्पीरियल परीक्षा के रूप में जाना जाता है|हालांकि परीक्षा की अवधारणा का आविष्कार हेनरी फिशेल नामक एक अमेरिकी व्यवसायी ने 19  शताब्दी के अंत में किया था| एक अवधारणा यह भी है कि परीक्षाएं हजारों वर्षों से होती आ रही है और उनकी उत्पत्ति का पता लगाना मुश्किल है| 

भारत में एग्जाम की उत्पती

भारत में परीक्षा प्रणाली का इतिहास बहुत ही पुराना है | भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी और उसके बाद ब्रिटिश साम्राज्य ने 1853 में सबसे पहले परीक्षाओं की शुरुआत की थी| भारत पे कब्जा करने के बाद अंग्रेजों ने अपने अधिकारियों के पद को भरने के लिए सिविल परीक्षाओं की शुरुआत की थी | उस समय भारतीय परीक्षाओं को भारतीय सिविल सेवा परीक्षा के रूप में जाना जाता था| यह जानकर हैरानी होगी कि यूपीएससी परीक्षाओं की शुरुआत भी अंग्रेजों ने ही की थी उन्होंने साल 1855 में UPSC परीक्षाओं का शुरुआत किया था | भारत में यूपीएससी परीक्षाओं की शुरुआत 1992 में हुई थी| क्या आप जानते हैं कि इसको पहले इंडियन इम्पीरियल सर्विस के नाम से जाना जाता था जिसे हम आज आईएस (IAS) के रूप में जानते हैं|  

देश के पहले आईएएस कौन थे? 

क्या आपको पता है की हमारे देश के पहले आईएएस सत्येंद्र नाथ टैगोर थे | इसके साथ साथ वो एक लेखक संगीतकार और एक समाज सुधारक भी थे| वे महर्षि देवेन्द्रनाथ टैगोर और शारदा देवी के पुत्र थे| सत्येंद्रनाथ टैगोर कोई और नहीं बल्कि वह रवीन्द्रनाथ टैगोर के बड़े भाई थे| 

भारत का सबसे बड़ा एग्जाम 

जैसा कि आप जानते ही होंगे की भारत का सबसे बड़ा एग्जाम( यूपीएससी) जिसे संघ लोक सेवा आयोग सिविल सेवा परीक्षा के नाम से भी जाना जाता है| कुल मिलाकर तीन चरणों में होने वाली यह यूपीएससी की परीक्षा भारत की सबसे कठिन परीक्षा माना जाता है। यह मूल रूप से भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) भारतीय विदेश सेवा (IAFS )और भारतीय पुलिस सेवा (IPS) जैसे प्रतिष्ठित पदों के लिए आपका प्रवेश द्वार खोल देता है| 

यूपीएससी एग्जाम इतना कठिन क्यों है ? 

यूपीएससी एग्जाम के कठिन होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे  :

  • यूपीएससी एग्जाम को देने वालों की संख्या बहुत बड़ी है परन्तु सीटें बहुत ही ज्यादा कम होती हैै| 
  • हर साल लगभग 10 से 12 लाख उम्मीदवार यूपीएससी के लिए आवेदन करते हैं लेकिन केवल कुछ ही 1000 उम्मीदवारों का अंतिम चयन हो पाता है| 
  • यूपीएससी के लिए चयन दर हर साल बदलती रहती है औसतन 0. 1% से 0.3% के बीच होती है| 
  • यूपीएससी का सेलेब्स अपने में ही एक बहुत बड़े समुद्र जैसा विशाल है| इसके पाठ्यक्रम में इतिहास, भूगोल, राजनीति, अर्थशास्त्र विज्ञान ,और समसामयिक घटनाएं शामिल होती है| इनके बारे में उम्मीदवारों को एक बहुत ही अच्छी पकड़ और व्यापक तौर पर तैयारी होना अति आवश्यक होती है| 
  • परीक्षा तीन चरणों में की जाती है प्राथमिक परीक्षा जिसे हम प्रीलिम्स भी कहते हैं मुख्य परीक्षा जिसे हम मेंस कहते हैं और व्यक्तित्व परीक्षण जिसे हम साक्षात्कार ही कहते हैं| 
  • इसके प्रश्न बहुत ही ज्यादा मुश्किल होने के कारण उम्मीदवार परीक्षा देते समय अपना समय सही  तौर पर संतुलित नहीं कर पाते  हैं जिसके कारण उनके प्रश्न छूट जाते हैं| बस इसीलिए उम्मीदवारों को परीक्षा देते समय अपना समय सही से संतुलित करना चाहिए और सीमित समय के भीतर उत्तर लिखने का प्रयास करना चाहिए| 
  • उम्मीदवारों को परीक्षा क्लियर करने में काफी लंबा समय लग जाता है कहने का अर्थात ये है कि लोग साल , दो साल ,तीन साल परीक्षा की तैयारी करते हैं| जिससे उनके ऊपर काफी बड़ा तनाव बढ़ जाता है और ये मानसिक रूप से चुनौतीपूर्ण हो जाता है| 

इन्हीं सब कारणों से यूपीएससी एग्जाम भारत का सबसे कठिन एग्जाम माना जाता है | 

 देश के पहले (IPS) कौन थे? 

देश के सबसे पहले आई पी एस अधिकारी चक्रवर्ती विजयराघव नरसिम्हन थे| उनका जन्म तमिलनाडु में 21 मई 1915 को हुआ था| उन्होंने 1965 में महाभारत का अंग्रेजी अनुवाद भी लिखा था| वह स्वतंत्र भारत के पहले आईपीएस ऑफिसर बने थे| उन्होंने तमिलनाडु पुलिस में भी वरीष्ठ पदों पर काम किया था और उसके साथ साथ भारत सरकार के अंतर्गत महत्वपूर्ण पदों पर भी काम किया था |उनको 1962 में पुलिस पदक और 1971 में अपने उत्कृष्ट सेवा देने के लिए  राष्ट्रीय पदक से भी सम्मानित किया गया था| वह एक महान गणितज्ञ भी थे सेवा देने के साथ साथ उन्होंने अपनी रुचि गणित पे बनाई रखी और संख्या सिद्धान्त से संबंधित कई समस्याओं का भी हल किया था |

भारत के कुछ अन्य सबसे कठिन परीक्षाएं  

  • भारत की कुछ और कठिन परीक्षाए जैसे :
  1. राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा (NEET) 
  1. कर्मचारी चयन आयोग संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा (SSC CGL) 
  1. चार्टर्ड अकाउंटेंसी (CA) 
  1. राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) 
  1. आईआईटी जेईई संयुक्त प्रवेश परीक्षा (IIT JEE) 
  1. कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (CLAT) 
  1. कॉमन ऐडमिशन टेस्ट (CAT) 
  1. गेट (GATE) 
  1. नीट पीजी (NEET PG) 
  1. यूजीसी नेट परीक्षा (UGC NET EXAM) 

परीक्षा चाहे जो भी हो जैसे भी हो कितनी भी मुश्किल हो या आसान हो ये व्यक्ति के दृढ़ संकल्प और उसके संतुलन के उपर निर्भर करता है कि वह व्यक्ति कैसा है| वह उस परीक्षा को निकाल पाएगा या नहीं बस ये मायने नहीं रखता है मायने ये रखता है कि व्यक्ति ने कितना परिश्रम किया वह अपने लक्ष्य के प्रति कितना दृढ़ था| बच्चे परीक्षाओं को एक मानसिक तनाव के रूप में ले लेते हैं जो कि बहुत गलत बात है परीक्षा बच्चों को निखारने का काम करता है | इसीलिए बच्चों को परीक्षाओं की तैयारी एक उन्मत्त मन से करना चाहिए | 

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